Hijab vs Saffron Shawl Controversy in Karnataka
– Hijab vs Bhagwa? Hijab vs Kitab ?? Ye kaisa vivad??
Karnataka Hijab Controversy full story
जैसा की हम सब जानते है कर्नाटक (Karnataka Hijab) में हिजाब vs भगवा पर विवाद जारी है। उडुपी-कर्नाटक के एक शिक्षण संस्थान में हिजाब न पहनकर आने की पाबंदी ने पूरे देश में धार्मिक संग राजनीतिक बयानबाजी का सियासी संग्राम छेड़ दिया है।
भगवा गमछा की आप सब सब को जानकारी होंगी ही।
आइये बताते है क्या होता है हिजाब ?
जैसा की इस्लाम के कुरान में बताया गया है हिजाब का मतलब पर्दे से है मतलब समाज के पर्दे से है। किसी भी कपडे से महिला अपने सर और गर्दन को ढकती है लेकिन उनका चेरा दिखता रहता है।
कर्नाटक से निकला विवाद देश के कोने कोने तक फ़ैल चूका है , जिसका क्मो-वेश असर UP Chunav 2022 के पहले चरण में भी दिखा।
राजनीतिक पार्टियां भगवा vs हिजाब विवाद का राजनीतिकरण कर दिया है , जहा बीजेपी हिजाब एवं बुर्के पहन कर आने का विरोध कर रही है वही कांग्रेस मुस्लिम लड़कियों के हिजाब एवं बुरखा पहनने का समर्थन कर रही है ।
हमेशा ऐसा लगा जैसे की मौलवियों और मर्दों ने अपनी झूठी शान को बनाये रखने के लिये इस्लाम को ढाल बना लेते हैं।
हर किसी को संविधान के अनुसार मौलिक अधिकार है जिसके अनुसार हम क्या पहनते हैं क्या खाते हैं इसके लिए हम स्वतंत्र है।
राजनितिक पार्टी हमेशा अपने मतलब के अनुसार मुसलमानों का इस्तेमाल करती आ रही हैं जहाँ वोट बैंक की बात आती है उन्हें बुर्के ya हिजाब पर राजनीति नज़र आने लगती है और वो अपने राजनीतिक तुष्टिकरण में लग जाते हैं।
समाज अगर पढ़ा लिखा हो तो हमारी मानसिकता बदल जाती है वहाँ बातें तर्कसंगत हो जाती है वहाँ हिजाब हो या भगवा कोई मायने नहीं रखता वहाँ हमारी जागरूक सोच ही हमें कर्तव्यनिष्ठ बनाता है फिर हमारी सोच भी क्यों उन चुनिंदा लोंगो तक सीमित हो जाती है।
शिक्षा हम सब का मौलिक अधिकार है चाहे वो हिजाब से जुड़ा हो या भगवा से, राष्ट्र हित सबसे ऊपर होना चाहिए। एक शिक्षित समाज नए भविष्य का निर्माण करता है अतः जरूरी वह है जो हमारे देश का संविधान या कानून कहता है वो सबके लिए मान्य हो।
स्वतः हित से बढ़कर राष्ट्र हित होता है वही सबका अधिकार भी है। क्या स्कूलों में ड्रेस कोड के नाम पर बुर्के या हिजाब के खिलाफ प्रोपगंडा चलाना उचित है।